लेखनी प्रतियोगिता -10-Dec-2021
कैप्टन विक्रम बत्रा धन्य हैं, वो माता पिता, वो पत्नी जिसे भारतीय वीर जवानों का साथ मिला ये उनके लिए बहुत मुश्किल होता होगा, सोच कर भी दिल कांप उठता है, हाल ही में मैने शेरशाह फिल्म देखी, यकीन मानिये उसमे सिद्धार्थ ने विक्रम जी को एक बार फिर जिवित सा मेहसूस करा दिया मुझे वो फिल्म इतनी पसंद आयी के अंत मैं मेरा रोना मानो कोई अपना हमसे दूर हो गया हो काफी देर बाद मैने खुद को सही मेहसूस किया फिर विक्रम जी के बारे में पढ़ा हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में 9 सितंबर 1974 को जन्मे विक्रम बत्रा करगिल युद्ध के जांबाज सिपाही थे। कैप्टन lविक्रम बत्रा को ये देश कैसे भुला सकता है। जिनके आगे दुश्मन थर थ र कांपते थे। श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर सबसे महत्त्वपूर्ण 5140 चोटी को पाक सेना से मुक्त करवाने की जिम्मेदारी कैप्टन बत्रा की टुकड़ी को मिली। जिसे मुक्त करवाने के बाद इस चोटी से रेडियो के जरिए विक्रम बत्रा ने कहा ये दिल मागे मोर जिसके बाद पूरा देश उन्हें जानने लगा। अपनी जान की परवाह ना करते हुए इस युद्ध में उन्होंने कई पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटाई। सरहद पर लड़ते लड़ते विक्रम वीरगति के प्राप्त हो गए लेकिन उनकी बहादुरी के किस्से आज भी सुने जाते हैं। उनके मुंह से निकले अंतिम शब्द थे भारत माता की जय। उनकी बहादुरी और जांबाजी के लिए मरणोपरांत उन्हें परमवीरचक्र से सम्मानित किया गया। ऐसे वीर जो हमारी मातृभूमि को ही अपना सब समझते थे ऐसे थे विक्रम जी वो हमेशा हमारे दिल में जिवित रहेंगे, में सेना में नहीं हूँ पर यकीन मानिये देश प्रेम इतना कूट कूट के भरा है के अवसर मिलने पर देश सेवा का कोई मौका मिला जो मैं देश के लिए कर पाऊँ अवश्य करूंगी। जय हिंद जय भारत।
By-Rekha mishra
Seema Priyadarshini sahay
11-Dec-2021 12:59 AM
Jai Hind🙏🌹🌹
Reply
Raghuveer Sharma
11-Dec-2021 12:29 AM
जय हिंद जय हिंद की सेना👍
Reply
Shrishti pandey
10-Dec-2021 11:20 PM
Nice
Reply